गुरमीत राम रहीम को नकली बताने वाली याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि पहले गुरमीत राम रहीम राजा की तरह रहता था अब जेल में बंद तो बदला हुआ तो लगेगा ही।
Gurmeet Ram Rahim was once a king, now he is in jail, it will take revenge, High Court's comment
चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को नकली व डमी बताने वाली व मामले की जांच की मांग की एक याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जो डेरा प्रमुख पहले राजाओं की तरह रहता था अब जेल में बंद है, ऐसे में शारीरिक व मानसिक तौर पर बदलाव आना लाजमी है।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि याची कोई फिल्म देखकर आया है और यह याचिका फिल्मी कहानी जैसी लग रही है। जस्टिस करमजीत सिंह ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि क्लोन व इस तरह की बेबुनियादी बातें केवल फिल्मों में हो सकती हैं जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता तो केस लेकर आ गए, कम से कम वकील को तो इस तरह की याचिका दायर करने से पहले अपना दिमाग का प्रयोग करना चाहिए था।हाई कोर्ट ने कहा इस तरह की याचिका सुनने के लिए कोर्ट नहीं बनी।
डेरे की तरफ से याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया गया कि दो साल पहले भी याची ने इस तरह की आधारहीन याचिका दायर कर जेल में डेरा प्रमुख की जान को खतरा बताया था। इसके बाद कोर्ट ने जुर्माना लगा कर याचिका खारिज की थी।
मामले में बहस के दौरान याची के वकील ने दलील की डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह जो जेल में बंद है वह नकली डेरा प्रमुख है जबकि वास्तविक डेरा प्रमुख को अगवा कर लिया गया है।बेंच ने याची के वकील से इसका आधार पूछा तो वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ अन्य अनुयायियों ने डेरा प्रमुख के व्यक्तित्व, आदि में विभिन्न परिवर्तनों को देखा।
अंगुलियों की लंबाई और पैरों का आकार भी बढ़ गया था। वर्तमान में पैरोल अवधि के दौरान कथित डेरा प्रमुख डमी व्यक्ति द्वारा प्रकाशित वीडियो और तस्वीरों के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पता चला कि उसके चेहरे और हाथों में मेकओवर या मा¨स्कग थी जो वीडियो में बदल गई। उनका कद एक इंच बढ़ गया है, जबकि उनकी आयु 50 वर्ष है और इस आयु में किसी का कद नहीं बढ़ता।
कोर्ट ने दलीलों को आधारहीन बताते हुए कहा कि अगर डेरा प्रमुख का कद बढ़ गया उसको क्या आपत्ति है, और वो कोन है। इस पर वकील की तरफ से कहा गया कि वह डेरा का अनुयायी है।
कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख को कैसे बदला जा सकता है। इस पर याची पक्ष की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि डेरा प्रमुख की सुरक्षा न होने के चलते यह हुआ है। इस पर कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख दुष्कर्म व हत्या मामले में सजायाफ्ता है, वह कोई वीआइपी नहीं कि उसे सुरक्षा दी जाए।

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को नकली व डमी बताने वाली व मामले की जांच की मांग की एक याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जो डेरा प्रमुख पहले राजाओं की तरह रहता था अब जेल में बंद है, ऐसे में शारीरिक व मानसिक तौर पर बदलाव आना लाजमी है।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि याची कोई फिल्म देखकर आया है और यह याचिका फिल्मी कहानी जैसी लग रही है। जस्टिस करमजीत सिंह ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि क्लोन व इस तरह की बेबुनियादी बातें केवल फिल्मों में हो सकती हैं जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता तो केस लेकर आ गए, कम से कम वकील को तो इस तरह की याचिका दायर करने से पहले अपना दिमाग का प्रयोग करना चाहिए था।हाई कोर्ट ने कहा इस तरह की याचिका सुनने के लिए कोर्ट नहीं बनी।
डेरे की तरफ से याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया गया कि दो साल पहले भी याची ने इस तरह की आधारहीन याचिका दायर कर जेल में डेरा प्रमुख की जान को खतरा बताया था। इसके बाद कोर्ट ने जुर्माना लगा कर याचिका खारिज की थी।
मामले में बहस के दौरान याची के वकील ने दलील की डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह जो जेल में बंद है वह नकली डेरा प्रमुख है जबकि वास्तविक डेरा प्रमुख को अगवा कर लिया गया है।बेंच ने याची के वकील से इसका आधार पूछा तो वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ अन्य अनुयायियों ने डेरा प्रमुख के व्यक्तित्व, आदि में विभिन्न परिवर्तनों को देखा।
अंगुलियों की लंबाई और पैरों का आकार भी बढ़ गया था। वर्तमान में पैरोल अवधि के दौरान कथित डेरा प्रमुख डमी व्यक्ति द्वारा प्रकाशित वीडियो और तस्वीरों के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पता चला कि उसके चेहरे और हाथों में मेकओवर या मा¨स्कग थी जो वीडियो में बदल गई। उनका कद एक इंच बढ़ गया है, जबकि उनकी आयु 50 वर्ष है और इस आयु में किसी का कद नहीं बढ़ता।
कोर्ट ने दलीलों को आधारहीन बताते हुए कहा कि अगर डेरा प्रमुख का कद बढ़ गया उसको क्या आपत्ति है, और वो कोन है। इस पर वकील की तरफ से कहा गया कि वह डेरा का अनुयायी है।
कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख को कैसे बदला जा सकता है। इस पर याची पक्ष की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि डेरा प्रमुख की सुरक्षा न होने के चलते यह हुआ है। इस पर कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख दुष्कर्म व हत्या मामले में सजायाफ्ता है, वह कोई वीआइपी नहीं कि उसे सुरक्षा दी जाए।
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